नाड़ी हूँ ना जाणे वैद मुरख अनाड़ी रे लिरिक्स
नाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे। दोहा - कंचन में यही दोष, वासना ना भरी नाथ, कस्तूरी में...
Read moreDetailsनाड़ी हूँ ना जाणे वैद, मुरख अनाड़ी रे। दोहा - कंचन में यही दोष, वासना ना भरी नाथ, कस्तूरी में...
Read moreDetailsयो तो जल भरियो संसार, तिरणो दोरो रे। दोहा - नुगरों ले जावे नारगी, भाई संत मिलावे राम, संत मिलावे...
Read moreDetailsशेरों का दल राजस्थान, दोहा - जननी जने तो ऐडा जण, के दाता के सुर, नई तर रइजे बांजडी, माँ...
Read moreDetailsसाधो भाई मुर्दा देवे हेला, जीवत मरज्यो, ढील मत करज्यो, सदा सुखी हुवैला।। जीवतडा ने मार गिरावो, सत का मारो...
Read moreDetailsकाना मार गयी रे, तेरी तिरछी नजर।। भर पिचकारी मारी मोरे तन पे, प्रेम की जोत जगी मोरे मन में,...
Read moreDetailsएक दीन गंगा रे तीरे, मिलग्या दो बिछड्या प्राणी। दोहा - सूरज टले चंदो टले, और टले जगत व्यवहार, पण...
Read moreDetailsआईजी जगमग जागी, केसर वाली रे ज्योत, भगतो ने दर्शन देवजो, ओ मैया भगत आया, थोरोडे दरबार, भगतो री विनती...
Read moreDetailsबीरा दो दिन को मेहमान, आखिर जाना पड़ेला रे।। दुर्लभ जन्म अमोलक भाय, कर कुछ पुरुषार्थ चित लाय, क्यों तन...
Read moreDetailsभया मैं सतगुरु का बंदा, दोहा - सेवक कुंभ कुम्हार गुरु, गढ़ गढ़ खाडे खोट, रज्जब अंदर रक्षा करें, बाहर...
Read moreDetailsकई पंखा ढुला रियो छाया में, रामजी ने भूल गयो माया में।। कलंग कामणी को रस थु भोग्यो, विषय वासना...
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