शिव पार्वती पंचहताई कथा
शिव पार्वती पंचहताई कथा, दोहा - गंग भंग दो बहन है, रहती शिव के संग, जिन्दो को तारण भंग है,...
Read moreDetailsशिव पार्वती पंचहताई कथा, दोहा - गंग भंग दो बहन है, रहती शिव के संग, जिन्दो को तारण भंग है,...
Read moreDetailsभैरु म्हारो सज रह्यो, मूंछ्या तान, तोरण रो बींद लाग रह्यो।। ताजमहल हवामहल सब देख्यां, थारे सामी सगला लार रह...
Read moreDetailsविष्णु विष्णु भज रे प्राणी, भवसागर ने पार करो, जीवन की नैया पार करो।। प्रातः काल उठ बेगो न्हाई, बेगो-बेगो-बेगो-बेगो...
Read moreDetailsयो कालों गणों रूपालो रे, भगता रखवालों रे, म्हारो सिंगोली रो श्याम, चतुर्भुज भाला वालों रे, मारो सिंगोली रो श्याम,...
Read moreDetailsदेबारी रे दरवाजे माय, घाटा वाली मैया। दोहा - मेवाड़ मुल्क रे मायने, थारो रूडो सज्यो दरबार, अरज शाम्भलो धणियाणी,...
Read moreDetailsअमृत नीका कहे सब कोई, पीये बिना अमर नहीं होई।। कोई कहै अमृत बसै पाताला, नाग लोग क्यों ग्रासै काला,...
Read moreDetailsहो भगता नाचों गावों रे, ठाकुर जी ने रिजाओ रे, मेलो सिंगोली रो आयो, भगता नाचों गावों रे।। जोर शोर...
Read moreDetailsमारी डूबतड़ी नैया ने, पार लगाओ जी, मंडफिया वाला सेठ सांवरा, म्हारी अटक्यौडी गाड़ी ने, मंडफिया वाला सेठ सांवरा मारा...
Read moreDetailsसांवरिया अब तो थे नालो, ओ साँवरिया अब तो थे नालो, भगता पे विपदा आई है, अब तो थे आवो,...
Read moreDetailsहे दशरथ नन्दन राम, माँ कौशल्या के राम।। तर्ज - होंठों से छू। अयोध्या विराजे आप, हम सबका करो कल्याण,...
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