गुरासा बिना रे मारी काया दुख पावे संतो री संगत माने नित
गुरासा बिना रे मारी, काया दुख पावे, अरे घोर रे अन्धारो गुरू बिन, कुण मिटावे रे, अरे संतो संगत माने,...
Read moreDetailsगुरासा बिना रे मारी, काया दुख पावे, अरे घोर रे अन्धारो गुरू बिन, कुण मिटावे रे, अरे संतो संगत माने,...
Read moreDetailsसत्संग करणी रे, सत्संग री महिमा, वेदा वरणी रे, सत्संग करनी रे।। सत्संग किनी मीराबाई, भोजा जी ने परणी रे,...
Read moreDetailsदवा दारू भई ओगत कारी, ए जडीबुटी भई ओगतकारी रे, ए दवा दारू सब त्यागी, ए जडीबुटी भई ओगतकारी रे,...
Read moreDetailsज्येष्ठ में नी आयो, ए आषाढ में नी आयो रे। दोहा - पेहला बरसु मालवे, और पचे बरसु मेवाड़, अरे...
Read moreDetailsसंतो भई मै बाबा बहुरंगी, अरे नही किसी से न्यारा रेवे, अरे किसी के संग, ओ संतो भई मै बाबा...
Read moreDetailsपैदल चलता चलता, जय बोलो जालन्धर नाथ जी की, पेदल चलता चलता, जय बोलो जालन्धर नाथ जी की, जालन्धर नाथ...
Read moreDetailsप्रथम लाभ सरणो माय कीजे, जो कोई सिश नमावे, अडसट तिरत मारे सत गुरु सरणे, हे घरे बैठा गंगा नावे,...
Read moreDetailsभुजेला नगरी में मेलो, ए भूतेश्वर महादेव रो मेलो, वटे दर्शन करवा चाला हे रंग रसीया, ए अमे चरना में,...
Read moreDetailsछतरी चाढे नी भाईडा, घणो घणो तावडो पडे, तावडो पडे, गौतमजी रो मेलो, लम्बी नदियाँ मे भरे।। ए अरे चार...
Read moreDetailsशंकर जटाधारी ने, पार्वता लागे प्यारी, डम डमा डम डमरू बाजे, शंकर जटाधारी, डम डमा डम डमरू बाजे, शंकर जटाधारी।।...
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