लख चौरासी छोड़ बनडो आयो रे देसी भजन
लख चौरासी छोड़, बनडो आयो रे।। हरि रंग दीनो बनडो परणे, सतगुरु जी के आके शरणे, बांधे मुक्ति मोड़, बनडो...
Read moreDetailsलख चौरासी छोड़, बनडो आयो रे।। हरि रंग दीनो बनडो परणे, सतगुरु जी के आके शरणे, बांधे मुक्ति मोड़, बनडो...
Read moreDetailsमारा कोलूमंड का पाबूजी, दरबार थारे आया, थारी केसर की असवारी, प्यारी लागे मारा पाबूजी, दरस दिखाओ जी।। लक्ष्मण का...
Read moreDetailsजो कोई माहिर होई भजन में, हरभज लावा लीजे, सन्त मिले जठे हरि गुण गाजे, भर भर अमृत पीजे, संता...
Read moreDetailsचाल चाल मारी लीलन घोड़ी, सासरिया में जाणो ये, भावजडी रा बोला ऊपर, पेमल लाणो ये, ओ जाणो माने सासरिये,...
Read moreDetailsथारो जी म्हारो, काई करो भाईडा रेे, थारो मारो अटी रे जाय।। मुटिया ज्यो बांध कर, आयों मारा भाया रे,...
Read moreDetailsआप गुरूजी त्यारोला, म्हारो अवगुण भरीयो शरीर।। ज्ञान नहीं जानू ध्यान आपको, माफ करो तकसीर, ज्ञानी भगत जन भक्ति उपावे,...
Read moreDetailsसत री संगत के माही, मुर्ख नही जावे रे। दोहा - एक घडी आधी घडी, आधी में पुनि आध, तुलसी...
Read moreDetailsमीरा की लागी लगन गोपाल से, मिलने आयी वृन्दावन नंदलाल से, मिलने आयी वृन्दावन नंदलाल से, मीरा की लागि लगन...
Read moreDetailsअनमोल सवैया व दोहा, 1.कहे सन्त सगराम सुण ए, धन री धणीयाणी, सुकरत कर भज राम, धोय कर बहते पाणी।...
Read moreDetailsजवानी में मुझे पाला, बुढ़ापे में निकाला है, भटकती मैं फिरूं दर दर, ना खाने को निवाला है, जवानी में...
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