बाबोसा गुणगान तेरे,
हम करते रहे,
जब तक सांस चले हो हो,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे।।
तर्ज – हो रब्बा कोई तो बताये।
किस्मत मेरी ये,
क्या रंग लाई,
तेरा दर मिला ये,
मेरी पुण्याई,
बिन मांगे तूने,
सब ही दिया है,
करू में दिल से,
तेरा शुक्रिया,
बाबोसा तेरी कृपा,
हम पाते रहे,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे।।
पूछता है मुझसे ये,
सारा जमाना,
पाया कहाँ से ये,
खुशी का खजाना,
मैंने कहा चुरू धाम,
चले जाना,
सारी खुशियो का है,
यही एक ठिकाना,
बाबोसा खुशियाँ यु ही,
बरसाते रहे,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे।।
भूल से भी कभी ना,
बाबोसा रूठे,
भक्ति की मस्ती,
यू ही हम लुटे,
छुटे न द्वार तेरा,
रिस्ता ना टूटे,
“दिलबर” जब तक,
प्राण ना छुटे,
बाबोसा भजन तुम्हारे,
युही गाते रहे,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे।।
बाबोसा गुणगान तेरे,
हम करते रहे,
जब तक सांस चले हो हो,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे,
जब तक सांसे चले,
दर पे आते रहे।।
गायिका – श्रेया रांका (जैन ) भीलवाड़ा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365
प्रेषक – श्री अजय जी गोलछा हैदराबाद।