बाबा श्याम तुम्हारे चरणों में,
दीनानाथ तुम्हारे चरणों में,
मंजूर मेरी यही अर्ज रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे।।
तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर।
मेरी इस जीवन की डोरी है,
बाबा श्याम तुम्हारे हाथों में,
अब तारो न तारो बाबा तुम,
मेरी डोर तुम्हारे हाथो में,
मंजूर मेरी यही अर्ज रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे।।
तेरी छवी सदा मेरे नैनं रहे,
और मन चरणों मे लगा रहे,
मेरी जुबा पे श्याम का नाम रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे,
मंजूर मेरी यही अर्ज रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे।।
मेरा अंत समय आये बाबा,
मेरे सामने तु बाबा खड़ा रहे,
बाबा श्याम कृपा कुछ ऐसी रहे,
मैं आया तुम्हारी शरणा में,
मंजूर मेरी यही अर्ज रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे।।
“अशोक” की बाबा अर्जी है,
आगे बाबा तेरी मर्जी है,
यह भाव सभी भगतो का है,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे,
मंजूर मेरी यही अर्ज रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे।।
बाबा श्याम तुम्हारे चरणों में,
दीनानाथ तुम्हारे चरणो में,
मंजूर मेरी यही अर्ज रहे,
बाबा श्याम तुम्हारे चरणो मे।।
गायक / लेखक – अशोक जांगिड़।
सवाई माधोपुर राजस्थान।
मोबाइल – 9828123517








