जा पहुँचे लंका नगरी में सागर लांघ के लिरिक्स
जा पहुँचे लंका नगरी में, सागर लांघ के, सियाराम की जय जय बोले, हनुमत सीना तान के।। माता के चरणों...
जा पहुँचे लंका नगरी में, सागर लांघ के, सियाराम की जय जय बोले, हनुमत सीना तान के।। माता के चरणों...
जन्मे रे जन्मे रे वीर प्रभु जन्मे, क्षत्रिय कुल में आज रे, हो जन्म लियो जिनराज रे, आई है सखियाँ...
मन होजा दीवाना रे, राम जी के चरणों में, राम चरणों में, राम चरणों में, मन हो जा दीवाना रे,...
सरयू मैया तोरी, लहर लहरिया रे, बिगड़े देश के बना दे, मैया काम, यहाँ विपदा है भारी, प्रजा बड़ी दुखियारी,...
क्या खूब सजा दरबार, ये देखो भक्तो का है मेला, श्री बाबोसा के द्वार पे भक्तो, है मंजर अलबेला, दिल...
श्याम तेरा दर मुझको तो, घर जैसा लगता है, तू ही बता मुझसे मिलकर, तुझे कैसा लगता है।bd। तर्ज -...
दुनिया चलती पैरों पर मैं, श्याम भरोसे चलता हूँ, मेरा कुछ भी नहीं है मैं तो, श्याम भरोसे पलता हूँ,...
श्याम तुम्हारे जैसा जग में, ना कोई दिलदार, किस्मत मेरी संवर गई है, पा के तेरा दरबार।bd। तर्ज - चांदी...
सारी दुनिया से अपने, अंदाज़ निराले है, हम खाटू वाले है, हम खाटू वाले हैं।। जबसे तेरे दर पे हूँ...
श्याम मेरी तुमसे लड़ाई है, दोहा - दर दर भटक रही, तेरे दीदार के लिए, और चुन चुन कर फूल...
© 2016-2025 Bhajan Diary