अपने खेत में बनवा राखा,
पित्र जी अस्थान तेरा,
सारा कुणबा मावस के दिन,
धर कै बैठा ध्यान तेरा।।
सुबह उठ के नहा धोकै न,
ज्योत जगा दी तेरी हो,
पांचो वस्त्र मंगवा दूंगा,
नही लगाऊ देरी हो,
तेरे चुगरदे लाऊ घेरी,
दादा राखिये मान मेरा,
सारा कुणबा मावस के दिन,
धर कै बैठा ध्यान तेरा।।
मावस के दिन तेरे थान पै,
घी का दीपक जगता रह,
तेरी दया तै कुणबा दादा,
हसी खुशी ते बस्ता रह,
ना मन उलझन में फँसता यो,
यो भी है अहसान तेरा,
सारा कुणबा मावस के दिन,
धर कै बैठा ध्यान तेरा।।
ठंडी ठंडी हवा चलै तेरी,
धोली धजा लहरावे है,
बिन मांगे धनवान बनादे,
या पितृ की माया है,
और बता के चावे है,
जो भी है अरमान तेरा,
सारा कुणबा मावस के दिन,
धर कै बैठा ध्यान तेरा।।
सागर शर्मा तेरा लाडला,
तेरे भजन बनावैगा,
गाम लुहारी टिब्बे आला,
तेरी जोत जगावैगा,
जयप्रकाश भी आवेगा,
करने को गुणगान तेरा,
सारा कुणबा मावस के दिन,
धर कै बैठा ध्यान तेरा।।
अपने खेत में बनवा राखा,
पित्र जी अस्थान तेरा,
सारा कुणबा मावस के दिन,
धर कै बैठा ध्यान तेरा।।
Singer – Hitesh Vats
9958165805