तेरा धूणा जगाऊं,
तेरा ध्यान लगाऊं,
मेरी आके बंधादे धीर,
तेरे चरणों म अर्पण कर दयू,
बाबा अपणा शरीर,
आके बदल दे नै,
मेरी तकदीर।।
तर्ज – बिना पायल के ही।
उसे हर से लगन लगाई स,
तने धुने की भस्म रमाई स,
कद सी होगा मेरा हो बाबा,
तेरी भगति में सीर,
तेरे चरणों म अर्पण कर दयू,
बाबा अपणा शरीर,
आके बदल दे ने,
मेरी तकदीर।।
जो ले ले भग्मा बाणा हो,
मिलै हरि चरणों में ठिकाना हो,
धूणे ऊपर तप तप कर,
बण जाता सच्चा फकीर,
तेरे चरणों म अर्पण कर दयू,
बाबा अपणा शरीर,
आके बदल दे नै,
मेरी तकदीर।।
धूणे पै बाबा आजा नै,
तू अपनी श्यान दिखाजा नै,
मेरे मन मन्दिर म दिखे जा स,
बाबा तेरी तस्वीर,
तेरे चरणों म अर्पण कर दयू,
बाबा अपणा शरीर,
आके बदल दे नै,
मेरी तकदीर।।
गुरु राजेन्द्र तेरा प्यारा स,
एक तेरे धुने का सहारा स,
सुनील कुमार भी धुने पै बैठया,
मोह माया की तोड़े जंजीर,
तेरे चरणों म अर्पण कर दयू,
बाबा अपणा शरीर,
आके बदल दे नै,
मेरी तकदीर।।
तेरा धूणा जगाऊं,
तेरा ध्यान लगाऊं,
मेरी आके बंधादे धीर,
तेरे चरणों म अर्पण कर दयू,
बाबा अपणा शरीर,
आके बदल दे नै,
मेरी तकदीर।।
लेखक & गायक – सुनील कुमार लदानियां।
99961-23336








