बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम,
बिजोवा आई माताजी सम्पूर्ण कथा।
।श्री आई माताजी नमः।
बोलिए आई माता की जय प्रिय भक्तों श्री आई माताजी रे बिलाड़ा बडेर में अंतर्ध्यान होया पचे श्री आई माताजी रा परचा ओर पिरोसा रे सत रे आधार माते प्रथम सिद्धि शक्तिपीठ री स्थापना बिठुडा पिरान में पिरोसा दिवान श्री बिंदोजी परमार करी ही और बिजोवा धाम में माताजी री स्थापना किकर हुई वो आप इन संपूर्ण कथा रे माय ध्यान सु सुणजो ओर आ कथा Manish sirvi yotube channel माते प्रस्तुत है ओर आप सभी भक्तों से निवेदन है ध्यान पुर्वक सुणजो सा
अरे भाईडा सिवरू मैं तो गौरी नंद गणेश बिरुडा सिवरु मैं गोरी पुत्र गणेश रिद्धि सिद्धी रा ध्यावु देवता ओ जियो…. अरे बिरुडा सिवरु मैं तो अर्बुदा ए मात भाईडा सिवरु मैं तो आबूगढ री राय कंठा बिराजो देवी शारदा रे जियो….। अरे महिमा गावु गावु आई माताजी री आज महिमा गावु मैं तो आई माताजी री आज बिजोवा धाम री गावु वार्ता रे जियो………. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो……(२)।।
अरे भाईडा एक समय री केवु थाने बात भाईडा एक समय री केवु थाने बात जुना जुगा री केवु वार्ता रे जियो,, अरे बिंदोजी दुर्गादास जी आईजी रा भक्त महान दोनों भाई लेता आईजी रो नाम बिठुडा पिरान में करता सेवना रे जियो ,, अरे बिंदोजी , दुर्गादास जी में होयो मन मुटाव भाईडा दो भाया में होयो मन मुटाव दुर्गादास जी चाल्या गांव सु रे जियो…….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो …..।।
अरे भाईडा चाल्या दुर्गादास जी परमार भाईडा चाल्या चाल्या दुर्गादास जी आप आया बिठुडा सु वासा गांव में रे जियो,, अरे दुर्गादासजी संग आयो सब परिवार दुर्गा दासजी संग आयो सब परिवार जिला सिरोही वासा गांव में रे जियो,, अरे भाईडा डेरो घाल्यो जंगल माई आप भाईडा डेरो लगायो जंगल माई आप पाट पुरायो आई मात रो रे जियो……… अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो….।।
अरे भाईडा जंगल माई गाया चराता आप भाईडा जंगल माई गाया चराता आप करता भगती श्री आई मात री ओ जियो,, अरे भाईडा घेरों घाल्यो चोरटा एक रात भाईडा घेरों घाल्यो लिना तीर कमान आंधा करीया आई मात जी ओ जियो,, अरे भाईडा दुर्गादासजी ने आयी दया मन रे माय भाईडा अंखियां दीनी चोरटा ने आप सत रो पर्चौ आई मात रो ओ जियो…….अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो……।।
अरे भाईडा सबक सिखाया दीयो पंथ बताय भाईडा सबक सिखाया दीयों पंथ बताय डोराबंध किना ओ दुर्गा दासजी ओ जियो,, अरे भाईडा आई पंथ री धर्म ध्वजा लहराय भाईडा आई पंथ री धर्म ध्वजा लहराय डोराबंध बनीया ओ वासा गांव में ओ जियो,, अरे भाईडा संवत 1675 माय भाईडा संवत 1675 माय स्वर्ग सिधाया दुर्गादास जी ओ जियो….।
————–बोल———
बोलिए आई मात की जय प्रिय भक्तों संवत 1675 मे दिवान पिरोसा श्री दुर्गादास जी रे स्वर्गवास पचे वासा गांव में पिरोसा खेतसिंह जी पिरोसा गोगाजी पिरोसा विंदोजी पिरोसा तेजसिंह परमार वंश में चार पीढ़ी रा दिवान पिरोसा माताजी री सेवा करता थका दुनिया री सहायता करता हां ओर दिवान पिरोसा श्री गोगाजी परमार आपरे सत सु पत्थर माते घोड़ी रा तीन पग मंडावीया जो आज भी साक्षात् वासा गांव में मौजूद हैं और तेजसिंह जी पाटवी पुत्र होया कर्म सिंह जी जो बड़ा ही तेजस्वी और आई माताजी रा परम भक्त हा
अरे भाईडा तेजसिंह जी रा पाटवी पुत्र केवाय भाइडा तेजसिंह जी रा पाटवी पुत्र केवाय कर्म सिंह जी कहीजे लाडला ओ जियो ,, अरे भाइडा कर्म सिंह जी आईजी रा भक्त महान भाइडा कर्म सिंह जी आईजी रा भक्त महान भगती करे ओ आई मात री रे जियो,, अरे भाईडा देवस्वरुपी चंपा घोड़ी नाम भाईडा देवस्वरुपी चंपा घोड़ी नाम कर्म सिंह जी रे मनडे भावती ओ जियो……..अरे बिजोवा नगरी अति पावन धाम जटे बिराजे आई मात जी ओ जियो…..।।
अरे भाईडा वासा गांव रा दियो निमंत्रण जाय भाईडा कर्म सिंह जी ने दियो आमंत्रण जाय भोजन करवा एकर आवजो ओ जियो,, अरे भाइडा लिनी परिक्षा गांव रा सब लोग भाइडा थाल परोसियो मिनकी रो मांस छल करीयो गांव रा मानवी रे जियो,, अरे भाइडा कर्म सिंह करीया माताजी ने याद भाईडा कर्म सिंह दियो पर्चों बताय मरीयोडी मिनकी ने जीवित कर दिनी ओ जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो…..।।
अरे भाईडा होया अचंभित गांव रा सब लोग भाइडा चरने पडीया कर्म सिंह जी रे आय डोराबंध होया गांव रा मानवी रे जियो,, अरे भाइडा वासा गांव में गूंजे जय जयकार भाइडा आई माताजी होवे जय जयकार भगत गुण गावे आई माता ने ओ जियो,, अरे भाइडा एक समय री केवु थाने बात भाइडा एक समय री केवु थाने बात सुनजो थे सगला ध्यान लगायने ओ जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो…..।।
अरे भाईडा सिरोही नगरी मे राजा रो राज भाईडा सिरोही नगरी में राजा करतो राज चंपा घोड़ी राजा रे मन भा गयी ओ जियो,, अरे राजा जी केवे सुनो कर्म सिंह जी म्हारी बात राजाजी केवे सुनो थेतो म्हारी बात चंपा घोड़ी तो देवो आपरी ओ जियो,, अरे ओ कर्म सिंह जी करजो इन घोड़ी रो मोल भाइडा करजो थे घोड़ी रो मोल धन देवुला मैं तो आपने ओ जियो…… अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माता जी ओ जियो ….।।
अरे राजाजी सुनलो थे म्हारा समाचार राजा जी सुनलो थे म्हारा समाचार कोनी देवुला घोड़ी आपने ओ जियो,, अरे चंपा घोड़ी म्हारे कालजीया री कोर चंपा घोड़ी म्हारे कालजीया री कोर पिरोसा बोल्या राजा दरबार में ओ जियो,, अरे राजा जी करली कोई मनडा में रिश राजाजी करली कोई मनडा में रिश चंपा घोड़ी लेवन री ठान ली ओ जियो,, अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माता जी ओ जियो….।।
अरे भाईडा राजा जी दियो सेना ने आदेश भाइडा राजा दियो सेना ने आदेश लावो चंपा घोड़ी दरबार में ओ जियो,, अरे भाइडा सेना आयी पिरोसा रे पास भाइडा सेना आयी कर्म सिंह जी रे पास बल सु लेग्या घोड़ी ने दरबार में ओ जियो,, अरे भाइडा काठी बांधी जंजीरा सु आज घोड़ी ने काठी बांधी जंजीरा सु आज राजाजी तो किनो घेरो पाप जी ओ जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो…..।।
अरे भाईडा कर्म सिंह जी दुखी होया मन माय भाइडा कर्म सिंह जी दुखी हुआ मन माय याद किना आई मात ने ओ जियो,, अरे भाइडा ढलगी सांझ ने पड़गी रात भाइडा कर्म सिंह जी सुता नींद रे माय सपने में आया आई माता जी ओ जियो,, अरे आईजी बोल्या बोल्या सुन सेवक म्हारी बात आईजी बोल्या एतो भगत ने बात उगतडे प्रभाते होसी बीर जी ओ जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो…..।।
अरे भाइडा कर्म सिंह जी जोडे आईजी ने हाथ भाइडा कर्म सिंह जी जोडे मैया ने हाथ केवे मनडा वाली बातडी ओ जियो,, अरे ओ मैया म्हारी घोड़ी चंपा विकट रे माय मैया म्हारी चंपा घोड़ी विकट रे माय जंजीरा बंधियोडी राजा दरबार में ओ जियो,, अरे ओ भगता राखो थे मन में विश्वास भगत जी राखो थोड़ो मनडे विश्वास चंपा घोड़ी चालेला साथ मे ओ जियो…..।
—————-बोल————
बोलिए आई मात की जय ज्यु ही माताजी कर्म सिंह जी रे सपना मे आया ओर बोलिया कि बेटा आप निश्चिंत होय उगते सूरज इन गांव सु रवाना हो जाईजो आपरी चंपा घोड़ी आपरे रथ आगे हालेला ओर एक नदी रे किनारे एक पेड़ कने उगनी दिशा मने पूरब दिशा में रूकेला ओर ज्यु ही घोडी पहलो पग मंडेला वटे म्हारो पाट पुरजो ओर घोडी लारे पग री जगह आपरो आसन पुजा पाट री स्थापना कर दीजो इतरो केने देवी आलोप वेगा ओर आगे सुणजो सा
अरे भाइडा दिन उगता ही होया रवाना आज भाइडा कर्म सिंह रथ पे होया सवार सूरज री पोल बावड़ी सु चालीया ओ जियो,, अरे भाईडा लिनो लिनो माताजी रो पाट भाइडा लिनो एतो माताजी रो पाट पत्थर पर मंडियों रथ रो निशानीयो रे जियो ,, अरे भाइडा पर्चों बतायो वासा गांव रे माय भाइडा कोनी बसेला सीरवी भोम रे माय कर्म सिंह जी श्राप देवियो रे जियो …..अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माता जी ओ जियो…।।
अरे चंपा घोड़ी चाले पवना री वेग चंपा घोड़ी चाले पवन री वेग लारे पिरोसा रो रथडो चालीयो रे जियो,, अरे कर्म सिंह जी आया आया सरवरीया री पाल पिरोसा आया देखो बिजोवा नगर रे माय पाट पुरायो आई मात रो रे जियो,, अरे भाइडा संवत 1717 माय भाइडा कर्म सिंह जी करी थापना आय आई माताजी रो पाट पुरीयो ओ जियो ….अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माता जी ओ जियो ….।।
अरे भाइडा संवत 1721 रे माय भाइडा कर्म सिंह जी होया प्रथम दिवान सफेद गादी री करी है थापना ओ जियो,, अरे भीमाजी लचेटा ए प्रथम कोटवाल भाइडा भीमाजी प्रथम कोटवाल बिजोवा में करे माताजी सेवना रे जियो,, अरे पिरोसा महापुरूष कर्म सिंह जी दिवान पिरोसा महापुरुष कर्म सिंहजी दिवान सिद्ध वचना सु भगतों रा कारज सारिया ओ जियो…. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो ….।।
पिरानी वंदना बाई कर्म सिंह जी दिवान पिरानी वंदना बाई कर्म सिंह जी दिवान बिजोवा आई पंथ री ध्वजा लहरावता ओ जियो,, ओर समय अपनो चक्र चलावे पिरोसा कर्म सिंह समाधि लेवन सारु तालाब किनारे जावन रवाना होया ओर मार्ग में श्री आई माताजी ब्रहामण रो रुप धारण कर कयो कि आप माताजी रा परम भक्त ओर सत पुरुष हो आपने समाधि नहीं बल्कि अग्नि स्नान करो ए वचन सुन पिरोसा अग्नि स्नान री तैयारी करे ओर आप रे सत सु पिरोसा जिमना पग रे अंगुठा सु अग्नि प्रज्वलित करे तालाब रे किनारे पिरोसा कर्म सिंह जी रो अग्नि स्नान होवे ओर दूजा कानी पिरानी वंदना बाई सा श्री आई माताजी री भक्ति में लीन होय महला में बैठा हां ओर वंदना बाई सा पतिव्रता नारी हां मां आईजी रो आशीर्वाद हो ओर वंदना बाईसा ने सत चढियो ओर तालाब री पाल कने आया ओर वंदना बाईसा ने देख बडेर मे खडी चंपा घोड़ी ने भी सत चढियो ओर तालाब रे किनारे आय स्नान कर चंपा घोड़ी भी सती हो गया तीन जीव ने सती होता देख तालाब रे किनारे इमली रे पेड माते बैठो मोर ने सत चढियो ओर वो भी तालाब मे स्नान कर सती होगयो अरे भाइडा संवत 1724 माय भाइडा ज्येष्ठ सुदी चौथ बुधवार सत चढियो रे चार जीव ने रे जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माता जी ओ जियो……।।
————-बोल———————-
बोलिए सती मात की जय ज्यु पिरानी वंदना बाई सा तालाब रे किनारे आया वटे भीमाजी कोटवाल कयो कि कोई सत नही आ तो सब ढोंग करे उन माते पानी सु भीगी हुई चुनड़ी ओडादी ओर वंदना बाईसा क्रोधित होया ओर भीमाजी कोटवाल ने श्राप दियो कि जावो आपरे पीढ़ी दर पीढ़ी कोढ़ रो कलंक रेवेला इतरो केने पिरोसा साथे वंदना बाई सा सती होया सती माता नाम सु पुजाया
अरे भाईडा पिरोसा कर्म सिंह जी दिवान भाइडा पिरोसा कर्म सिंह जी दिवान करीयो अग्नि स्नान आप जी ओ जियो,, अरे भाइडा सत चढियो वंदना बाईसा ने आज भाइडा सती हो गया वंदना बाईसा आप सती मां पुजावाया बिजोवा धाम में रे जियो,, अरे भाइडा चंपा घोड़ी मोर सती होया आज भाइडा चार सतीयो रो जुग में अमर नाम बिजोवा पाल पर धाम आपरो रे जियो…. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो….।।
अरे धिन हो आई माताजी ने धिन पिरोसा दिवान धिन हो सती माता ने धिन हो भगत महान धिन हो बिजोवा पावन धाम ने रे जियो,, अरे बिजोवा में सुन्दर बनीयो आईजी रो धाम बिजोवा में मोटो बनीयो आई माताजी रो धाम केसर बरसे ओ अखण्ड ज्योत सु ओ जियो,, अरे बिजोवा में सफेद गादी सिद्धि रो प्रमाण बिजोवा में सिद्धि शक्तिपीठ कहीजे महान पिरोसा करें माताजी री सेवना रे जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो….।।
अरे भाइडा वर्तमान दिवान बिजोवा माय भाइडा नारायण सिंह जी कहीजे ओ परमार आई माताजी री करें सेवना ओ जियो , आईजी माधु सिंह जी परमार चरना माय भाइडा नित उठ जोडे आईजी ने हाथ भगता ऊपर छत्तर छाया राखजो ओ जियो ,, अरे मैया रायपुर सु मनीष सीरवी आय मैया राखो म्हाने जुग जुग चरना रे माय महिमा बनाई घणा भाव सु रे जियो,, माताजी महिमा गावे दिनेश माली आय महिमा गावे सोनम शरने आय भूलीया चूकीया री माफी दिरावजो ओ जियो….. अरे बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम बिजोवा नगरी कहीजे अति पावन धाम जटे बिराजे आई माताजी ओ जियो…….।।।।
गायक – दिनेश जी माली नागौर व सोनम जी मोबरसा पाली
लेखक मनीष सीरवी रायपुर