तेरी बंशी तो कर गई,
कमाल कान्हा,
जहाँ बाजी वहाँ,
कर गई धमाल कान्हा,
कमाल कान्हा धमाल कान्हा,
धमाल कान्हा कमाल कान्हा।।
ये मुरली एक बास की पोरी,
जिस पर लुट गई राधा गोरी,
तेरी इस में लगे कोई चाल कान्हा,
जहाँ बाजी वहाँ,
कर गई धमाल कान्हा,
कमाल कान्हा धमाल कान्हा,
धमाल कान्हा कमाल कान्हा।।
इस में केसा भर दिया जादू,
दिल हो जाता सुन बैकाबू,
बुढे बच्चों को किया निहाल कान्हा,
जहाँ बाजी वहाँ,
कर गई धमाल कान्हा,
कमाल कान्हा धमाल कान्हा,
धमाल कान्हा कमाल कान्हा।।
वृन्दावन में रास रचाया,
गोवर्धन को नख पर उठाया,
येही बंशी बनी तेरी ढाल कान्हा,
जहाँ बाजी वहाँ,
कर गई धमाल कान्हा,
कमाल कान्हा धमाल कान्हा,
धमाल कान्हा कमाल कान्हा।।
सुरेन्द्र सिंह तू कितना नटखट,
लूट लिया मन सब का झट पट,
तेरी माया बडी बेमिशाल कान्हां,
जहाँ बाजी वहाँ,
कर गई धमाल कान्हा,
कमाल कान्हा धमाल कान्हा,
धमाल कान्हा कमाल कान्हा।।
तेरी बंशी तो कर गई,
कमाल कान्हा,
जहाँ बाजी वहाँ,
कर गई धमाल कान्हा,
कमाल कान्हा धमाल कान्हा,
धमाल कान्हा कमाल कान्हा।।
गायक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853