आराधना करता हूँ,
मेरे श्याम के लिए,
मैंने रंगा केसरी चोला,
लखदातार के लिए।।
तर्ज – दिल दीवाने का डोला।
है कलयुग के अवतारी,
तेरे नाम की महिमा भारी,
तेरे दर पे आन पड़ा हूँ,
दर्शन का बन के भिखारी,
घुट घुट कर तरस रहा हूँ,
दीदार के लिए,
मैने रंगा केसरी चोला,
लखदातार के लिए।।
स्वारथ ने मुझको घेरा,
लालच ने डाला डेरा,
प्रभु मोह माया में पड़कर,
मैं भूल गया दर तेरा,
मुझे अब तो राह दिखादे,
भव पार के लिए,
मैने रंगा केसरी चोला,
लखदातार के लिए।।
ओ बाबा शीश के दानी,
तेरी शक्ति सबने जाणी,
प्यासी आँखों में भर दे,
सूरत तेरी मस्तानी,
मेरा आवागमन मिटा दे,
हर बार के लिए,
मैने रंगा केसरी चोला,
लखदातार के लिए।।
वो जीवन भी क्या जीवन,
जिसने दरबार न देखा,
वो स्वामी भक्त नहीं है,
जिसने माथा नहीं टेका,
खाटू में मुझे बसा ले,
तेरे प्यार के लिए,
मैने रंगा केसरी चोला,
लखदातार के लिए।।
आराधना करता हूँ,
मेरे श्याम के लिए,
मैंने रंगा केसरी चोला,
लखदातार के लिए।।
गायक – अमित नामा।
प्रेषक – धर्म चन्द नामा।
9887223297