ना बंगला मांगू,
ना कार फरारी,
घाटे का सौदा,
है ये दुनियादारी,
ना रोको मुझको,
बाबा के दर जाने दो,
मुझे महाकाल के चरणों में,
लिपट जाने दो
मेरी ये अंतिम इच्छा,
पूरी अब हो जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।।
जब बाबा बम बम नाथ मुझे,
ले जाए अपने साथ,
बनकर के राख मसान की पहुंचूं,
महाकाल के पास,
मेरा जनम मरण सब आज,
संवर जाने दो,
मेरी ये अन्तिम इच्छा,
पूरी अब हो जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।।
मेरी अर्जी सुनो महाकाल,
बाबा में हूं तेरा लाल,
बाबा भूत नाथ अविनाशी,
कैलाशी तुम महाकाल,
झूठी माया में लिपटी काया,
संवर जाने दो,
मेरी ये अन्तिम इच्छा,
पूरी अब हो जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।।
ना दुनिया साथ निभाएगी,
ना मरघट से आगे जाएगी,
ये धन दौलत शोहरत इज्जत,
सब यहीं धरी रह जाएगी,
अब प्राण पखेरू अलबेला,
तर जाने दो,
मेरी ये अन्तिम इच्छा,
पूरी अब हो जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।।
ना बंगला मांगू,
ना कार फरारी,
घाटे का सौदा,
है ये दुनियादारी,
ना रोको मुझको,
बाबा के दर जाने दो,
मुझे महाकाल के चरणों में,
लिपट जाने दो
मेरी ये अंतिम इच्छा,
पूरी अब हो जाने दो,
मुझे उज्जैन में मर जाने दो।।
गायक / लेखक – जयकुमार अलबेला।
9340726332