इतना ऊँचा ना उठाना,
प्रभु तुम्हे भूल जाऊं,
ना ही इतना गिराना,
मिट्टी में ही रूल जाऊं,
जो झेल सकूं मैं श्याम,
वो ही दिखाना,
करता रहूं मैं श्याम,
तेरा शुकराना।।
किया जितना है तुमने,
शुकर उसी में मनाऊ,
भूल से भी कभी ना,
दिल किसी का दुखाऊ,
सेवा करू मैं कोई,
कर के बहाना,
करता रहूं मैं श्याम,
तेरा शुकराना।।
करूँ सुख में शुकराना,
और दुःख में अरदास,
करू महसूस तुमको,
मैं सदा आस पास,
लबो पे रहे मेरे हरदम,
तेरा तराना,
करता रहूं मैं श्याम,
तेरा शुकराना।।
तेरे नाम से शुरू हो,
मेरे दिन की शुरुआत,
तेरे नाम पे ख़त्म हो,
राधे की हर बात,
अंत समय हो तेरी,
गोद में ठिकाना,
करता रहूं मैं श्याम,
तेरा शुकराना।।
इतना ऊँचा ना उठाना,
प्रभु तुम्हे भूल जाऊं,
ना ही इतना गिराना,
मिट्टी में ही रूल जाऊं,
जो झेल सकूं मैं श्याम,
वो ही दिखाना,
करता रहूं मैं श्याम,
तेरा शुकराना।।
स्वर – मोना मेहता।
प्रेषक – रूपचंद चौधरी।
9057152994