सारी दुनिया में साँचा एक नाम,
चूरू जिनका धाम,
मैं भी वहाँ जाऊँगी,
मैं भी वहाँ जाऊँगी,
लेके भक्तो के टोले,
मैं क्यो जाँऊ अकेले,
ले बाबोसा नाम,
जाँऊ चुरु धाम,
मैं दौड़ी जाऊँगी,
हो दर्शन पाऊँगी।।
तर्ज – छोटी सी उम्र में।
चूरू जाने वालों भगतो,
मुझे भी लेलो साथ,
मैं भी बाबोसा से कहूंगी,
अपने दिल की बात,
मेरे दिल के यही अरमान है,
मिले बाबोसा भगवान है,
छोडूँगी ना साथ,
भक्ति की रात,
झुम के गाऊँगी,
हो झुम जाऊँगी।।
जब तलक ना जाऊँ दर पे,
मन न लागे ये मेरा,
मरते दम तक छोडूगी न,
बाबोसा ये दर तेरा,
ये प्रीत की चुनर ओढ़के,
मैं सारी दुनिया छोड़के,
“दिलबर” दिलदार,
तुझको सरकार,
दिल में बिठाऊंगी,
हो दर्शन पाऊँगी।।
सारी दुनिया में साँचा एक नाम,
चूरू जिनका धाम,
मैं भी वहाँ जाऊँगी,
मैं भी वहाँ जाऊँगी,
लेके भक्तो के टोले,
मैं क्यो जाँऊ अकेले,
ले बाबोसा नाम,
जाँऊ चुरु धाम,
मैं दौड़ी जाऊँगी,
हो दर्शन पाऊँगी।।
गायिका – सुजाता त्रिवेदी मुंबई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
( म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर )
मो. 9820947184