हरि नाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।
दोहा – जितना हेत हराम से,
उतना हरि से होय,
चला जाए बैकुंठ में,
तो तेरा पल्ला न पकडे कोय।
हरि नाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे,
नरका में जावे रे मूरख,
नरका में जावे रे,
हरीनाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।bd।
तर्ज – नाम तेरो भूल गयो भगवान।
कर कर खोटा करम तू बंदा,
गंगा न्हावे रे,
मन को खोट काढयो नहीं तो,
मन को खोट काढयो नहीं तो,
जमड़ा ढावे रे,
जमड़ा ढावे रे,
जमड़ा ढावे रे,
हरीनाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।bd।
सुंदर काया तीन दिना री,
क्यूँ गरभावे रे,
बचपन जाए जवानी जावे,
अंत मुखडो बावे रे,
अंत मुखडो बावे रे,
अंत मुखडो बावे रे,
हरीनाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।bd।
द्वेष वासना तजकर जे नर,
नटवर चावे रे,
आवागम का सांसा मिट,
आवागम का सांसा मिट,
अमरापुर जावे रे,
अमरापुर जावे रे,
अमरापुर जावे रे,
हरीनाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।bd।
सांचो हेत हरि से कर,
क्यूँ गोता खावे रे,
कहत कबीर नर भवसागर में,
कहत कबीर नर भवसागर में,
मुड़ नहीं आवे रे,
मुड़ नहीं आवे रे,
मुड़ नहीं आवे रे,
हरीनाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।bd।
हरी नाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे,
नरका में जावे रे मूरख,
नरका में जावे रे,
हरीनाम बिना नर बावलिया,
नरका में जावे रे।bd।
गायक – कबीर राजस्थानी।