मैं तो गई थी भरण ने नीर,
नजर मेरे लागी काले की,
मैं तो गई थी भरण ने नीर,
नज़र मेरे लागी काले की।।
रे उसके गल में थी माला,
था थोटी पे एक तिल काला,
खटक गई सूरत ग्वाले की,
नज़र मेरे लागी काले की।।
वो मोहन नंद का से लाला,
चरावे गोवन के ग्वाला,
बजावे वो मुरली चाले की,
नज़र मेरे लागी काले की।।
हो जब मैं जाऊ थी पनघट पे,
वो बैठा था जमुना तट पे,
टेर सुन अजय जुलाने की,
नज़र मेरे लागी काले की।।
मैं तो गई थी भरण ने नीर,
नजर मेरे लागी काले की,
मैं तो गई थी भरण ने नीर,
नज़र मेरे लागी काले की।।
Singer – Pooja Rajput
Writer – Ajay Julana
8569820453