हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे,
दुनियादारी औगणकारी जाने,
भेद मत दईजे रे,
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
इण काया में अष्ट कमल हैं, 
इण काया में हो, 
ओ इण काया में अष्ट कमल, 
ज्योरी निंगे कराइजे ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
सत री संगत में, 
सत संगत में बैठ सुहागण,
साच कमाइजे ए ए ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
धन में गरीबी, 
मन में फकीरी,
धन में गरीबी हो ओ, 
धन में गरीबी मन में फकीरी, 
दया भावना राखिजे ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
ज्ञान झरोखे ए ए, 
ज्ञान झरोखे बैठ सुहागण,
झालो दईजे ए ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
त्रिवेणी घर, 
तीन पदमणी , 
त्रिवेणी घर हो ओ त्रिवेणी घर, 
उने जाए बतालाईजे रे, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
सत बाण पर अ अ, 
सत बाण पर सत बाण पर, 
बैठ सुहागण,
सीधी आईजे ए ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
हरी चरणों में शीश झुकाईजे,
हरी चरणों में हो ओ, 
हरी चरणों में शीश झुकाईजे, 
गुरु वचनों में रहीजे ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
कहेत कबीर सुणों भाई साधू, 
शीतल होइजे ए ए, 
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे,
दुनियादारी औगणकारी जाने,
भेद मत दईजे रे,
हेली म्हारी निर्भय रहीजे रे।।
Singer : Prakash Mali
Submitted By –
Prakash suthar
8290041606
			






