ओलु घनी आवे नारायण नींद कोनी आवे
ओलु घनी आवे नारायण, नींद कोनी आवे, सुती का सपना में, झालर बाजे रे, ना रे थारी ओलु घनी आवे।। गढ़ रे अयोध्या …
ओलु घनी आवे नारायण, नींद कोनी आवे, सुती का सपना में, झालर बाजे रे, ना रे थारी ओलु घनी आवे।। गढ़ रे अयोध्या …