जरा मन की किवड़िया खोल हरि तेरे द्वारे खड़े लिरिक्स
जरा मन की किवड़िया खोल, हरि तेरे द्वारे खड़े, द्वार खड़े हरि द्वार खड़े, द्वार खड़े हरि द्वार खड़े, ज़रा मन की किवड़िया …
जरा मन की किवड़िया खोल, हरि तेरे द्वारे खड़े, द्वार खड़े हरि द्वार खड़े, द्वार खड़े हरि द्वार खड़े, ज़रा मन की किवड़िया …