उमर जाती है रे प्राणी जतन करले ओ अभिमानी 13/06/2018 by Shekhar Mourya उमर जाती है रे प्राणी, जतन करले ओ अभिमानी, तजबीज कर कोई ऐसी, कि नैया पार हो जाऐ।। तर्ज – नजर आती नही … पूरा भजन देखें