तेरे दर ना आ पाए कैसी लाचारी है भजन लिरिक्स
तेरे दर ना आ पाए, कैसी लाचारी है, इस जग में फैली है, कैसी महामारी है।। तर्ज – होंठों से छू लो। क्यों …
तेरे दर ना आ पाए, कैसी लाचारी है, इस जग में फैली है, कैसी महामारी है।। तर्ज – होंठों से छू लो। क्यों …