तेरे एहसानों को कैसे मैं भुलाऊँगा भजन लिरिक्स

तेरे एहसानों को कैसे मैं भुलाऊँगा भजन लिरिक्स

तेरे एहसानों को, कैसे मैं भुलाऊँगा, जब तक साँस चले, महिमा तेरी गाऊँगा।। तर्ज – आदमी मुसाफिर है। ना जाने कितने, उपकार तेरे, …

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