तीन बार भोजन भजन इक बार भजन लिरिक्स 23/11/201831/08/2017 by Shekhar Mourya तीन बार भोजन, भजन इक बार, उसमे भी आते है, विघन हजार।। तर्ज – सावन का महीना। मन करता है मैं, गंगा नहाऊँ, … पूरा भजन देखें