तारा विना श्याम मने एकलडु लागे गरबा लिरिक्स

तारा विना श्याम मने एकलडु लागे गरबा लिरिक्स

तारा विना श्याम मने एकलडु लागे, रास रमवा ने वहलो आवजे, तारा विना श्याम एकलडु लागे।। शरद पूनम नी रातडी ओहो, चांदनी खिली …

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