यह कल कल छल छल बहती क्या कहती गंगा धारा लिरिक्स

यह कल कल छल छल बहती क्या कहती गंगा धारा लिरिक्स

यह कल कल छल छल बहती, क्या कहती गंगा धारा, युग युग से बहता आता, यह पुण्य प्रवाह हमारा, यह पुण्य प्रवाह हमारा।। …

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