रोज रोज तुम्हे क्या बतलाऊँ अपने मन की बात
रोज रोज तुम्हे क्या बतलाऊँ, अपने मन की बात, छोटी सी अर्जी मेरी, अब तो सुनो हे नाथ।। तर्ज – घणी दूर से …
रोज रोज तुम्हे क्या बतलाऊँ, अपने मन की बात, छोटी सी अर्जी मेरी, अब तो सुनो हे नाथ।। तर्ज – घणी दूर से …