राम सिया राम सिया राम जय जय राम रामायण चौपाई

राम सिया राम सिया राम जय जय राम रामायण चौपाई

राम सिया राम सिया राम, जय जय राम, राम सियाराम सियाराम, जय जय राम।। मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहुसु दसरथ अजर बिहारी। राम सियाराम सियाराम, जय जय राम।। होइ है वही जो राम रच राखा, को करे तर्क बढ़ाए साखा। राम सियाराम सियाराम, जय जय राम।। जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलय न … Read more

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