कण कण में कृष्ण समाये है भक्तों ने हरि गुण गाए हैं
कण कण में कृष्ण समाये है, भक्तों ने हरि गुण गाए हैं।। ओंकार में सभी समाया, बिंदु में सिंधु लहराया, हरी करुणा सिंधु …
कण कण में कृष्ण समाये है, भक्तों ने हरि गुण गाए हैं।। ओंकार में सभी समाया, बिंदु में सिंधु लहराया, हरी करुणा सिंधु …
गोविंद की वाणी गीता महारानी, महिमा संतों ने जानी।। इस वाणी में अमृत धारा, श्री कृष्ण कहे यह बारंबारा, यह वाणी जगत कल्याणी …