प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर भजन लिरिक्स

प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर भजन लिरिक्स

प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर, दोहा – प्रेम बिना पावे नहीं, चाहे हुनर करो हज़ार, कहे प्रीतम प्रेम बिना, मिले ना नंद …

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