मोरी पीर हरो तुम बिन कौन हमारो भजन लिरिक्स
मोरी पीर हरो, तुम बिन कौन हमारो।। द्रुपद सुता के चीर बढ़ायो, पट के बीच पधारियो, ग्राह से गज के फंद छुडायो, नंगे …
मोरी पीर हरो, तुम बिन कौन हमारो।। द्रुपद सुता के चीर बढ़ायो, पट के बीच पधारियो, ग्राह से गज के फंद छुडायो, नंगे …