म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो था स्यूं कोई नहीं न्यारो

म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो था स्यूं कोई नहीं न्यारो

म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो, था स्यूं कोई नहीं न्यारो, देख्यो थां रो ही उणियारो, अब तो मोर मुकुट सिर धारो होऽ गिरधर, …

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