इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर भजन लिरिक्स
इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर, वीर बलि महावीर हरी तुमने भक्तों की पीर, सिया राम के भजन में मगन रहना, …
इक काँधे पे लखन विराजे दूजे पर रघुवीर, वीर बलि महावीर हरी तुमने भक्तों की पीर, सिया राम के भजन में मगन रहना, …