तेरे दर को मै छोड़ कहाँ जाऊँ माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे लिरिक्स
तेरे दर को मै छोड़ कहाँ जाऊँ, माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।। दोहा – चाहे छुट जाये ज़माना, या माल-ओ-जर छूटे, ये …
तेरे दर को मै छोड़ कहाँ जाऊँ, माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे।। दोहा – चाहे छुट जाये ज़माना, या माल-ओ-जर छूटे, ये …