खलक है रेण का सपना समझ मन कोई नहीं अपना लिरिक्स
खलक है रेण का सपना, दोहा – सतगुरु मोय निवाजियो, दीजो अमर बोल, शीतल शब्द कबीर सा रा, हंसा करे किलोल। हंसा मत …
खलक है रेण का सपना, दोहा – सतगुरु मोय निवाजियो, दीजो अमर बोल, शीतल शब्द कबीर सा रा, हंसा करे किलोल। हंसा मत …