आओ बसाये मन मंदिर में झांकी सीताराम की भजन लिरिक्स
आओ बसाये मन मंदिर में, झांकी सीताराम की, जिसके मन में राम नहीं वो, काया है किस काम की।। तर्ज – क्या मिलिए …
आओ बसाये मन मंदिर में, झांकी सीताराम की, जिसके मन में राम नहीं वो, काया है किस काम की।। तर्ज – क्या मिलिए …