जिस काबिल मैं नहीं था बाबा मुझको वो दरबार मिला लिरिक्स
जिस काबिल मैं नहीं था बाबा, मुझको वो दरबार मिला, छोटा पड़ गया दामन मेरा, तुमसे इतना प्यार मिला।। तर्ज – चेहरा है …
जिस काबिल मैं नहीं था बाबा, मुझको वो दरबार मिला, छोटा पड़ गया दामन मेरा, तुमसे इतना प्यार मिला।। तर्ज – चेहरा है …