झुंझुनू में लगाकर बैठी जो दरबार है भजन लिरिक्स
झुंझुनू में लगाकर बैठी जो दरबार है, वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है, उनके ही इशारों चलता ये संसार है, पालनहार है खेवनहार है, झुंझनु में लगाकर बैठी जो दरबार है, वो झुँझन वाली मेरी पालनहार है।। तर्ज – कब तक चुप बैठे। बन जाए बिगड़ी सबकी, ये बिगड़े काम बनाती, बच्चों को दादी अपने, … Read more