एक हरि को छोड़ किसी की चलती नही है मनमानी भजन लिरिक्स
एक हरि को छोड़ किसी की, चलती नहीं है मनमानी, चलती नही है मनमानी॥ लंकापति रावण योद्धा ने, सीता जी ...
एक हरि को छोड़ किसी की, चलती नहीं है मनमानी, चलती नही है मनमानी॥ लंकापति रावण योद्धा ने, सीता जी ...
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