जगाया जागो म्हारा बीर क्यों सुत्या रे अचेत नींद में
जगाया जागो म्हारा बीर, दोहा – संस्कार संयोग से, सतगुरु मिले सुजान, तप्त मिटावे तन की, बन्दे तू तेरे को […]
जगाया जागो म्हारा बीर, दोहा – संस्कार संयोग से, सतगुरु मिले सुजान, तप्त मिटावे तन की, बन्दे तू तेरे को […]