कलयुग बैठा मार कुंडली जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ भजन लिरिक्स
कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।। दशरथ कौशल्या जैसे, …
कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।। दशरथ कौशल्या जैसे, …