गुरु मोहे उबारो भवसागर अति भारो लिरिक्स

गुरु मोहे उबारो भवसागर अति भारो लिरिक्स

गुरु मोहे उबारो, भवसागर अति भारो, काम क्रोध मद लोभ मोह का, हो रियो जय जयकारो।। आशा तृष्णा नदियां बह रही, कहीं ना …

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