धार रे अवतार गुरु आविया मेटी म्हारे दुखडा री खाण
धार रे अवतार गुरु आविया, मेटी म्हारे दुखडा री खाण, दे उपदेश गुरू पार क्या भव से, हो पृगट बताई हो वेताल, हरी …
धार रे अवतार गुरु आविया, मेटी म्हारे दुखडा री खाण, दे उपदेश गुरू पार क्या भव से, हो पृगट बताई हो वेताल, हरी …
गुरु सरीखा देव, म्हारे मन भावे, सदा मन भावे।। इला पिगला ओर सुखमणा ने ध्यावे, सुखमणा ध्यावे, त्रिवेणी रे बीच जीव ठहरावे, गुरु …