धर्मी वहाँ मेरा हंस रहवाया देसी परा बाणी लिरिक्स
धर्मी वहाँ मेरा हंस रहवाया, दोहा – कहे सन्त सगराम, राम ने भूलू कीकर, भूलियो भुंडी होय, माजनो जासी भीखर। भीखर जासी माजनो, …
धर्मी वहाँ मेरा हंस रहवाया, दोहा – कहे सन्त सगराम, राम ने भूलू कीकर, भूलियो भुंडी होय, माजनो जासी भीखर। भीखर जासी माजनो, …