साधो भाई या मन कि बदमाशी अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे

साधो भाई या मन कि बदमाशी अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे

साधो भाई या मन कि बदमाशी, अपनी इज्जत ने धूल में मिलावे, गणी करावे हांसी।। यो मन तो भाई तीर्थ करावे, ले जावे …

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