सन्तो देखों भजन री लहरी मैं तो सतगुरु शब्दों हेरी
सन्तो देखों भजन री लहरी, दोहा – अमर लोक से बिछड़िया हंसा, आय कर नगर बसाया, आया जका घर भूलगा, माया से मोह …
सन्तो देखों भजन री लहरी, दोहा – अमर लोक से बिछड़िया हंसा, आय कर नगर बसाया, आया जका घर भूलगा, माया से मोह …