भूल गया मानव मर्यादा जब कलयुग की हवा चली लिरिक्स

भूल गया मानव मर्यादा जब कलयुग की हवा चली लिरिक्स

भूल गया मानव मर्यादा, जब कलयुग की हवा चली, धूप कपुर ना बिके नारियल, दारू बिक रही गली गली।। तर्ज – क्या मिलिए …

पूरा भजन देखें

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे