भोले का रूप निराला है शिव भजन लिरिक्स
माथे पे चंदा सजाकर, अंगो में भस्मी रमाकर, अपनी जटा से, गंगा को बहाकर, बैठा है वो, भोले का रूप निराला है, पहने …
माथे पे चंदा सजाकर, अंगो में भस्मी रमाकर, अपनी जटा से, गंगा को बहाकर, बैठा है वो, भोले का रूप निराला है, पहने …