भक्त शिरोमणि हनुमानजी तु ही देव नरम लागे
भक्त शिरोमणि हनुमानजी, तु ही देव नरम लागे, जितणी करूं बडाई तेरी, उतणी बाबा कम लागे।। सियाराम की सेवा में तन्नै, छीकमा वर्ष बिताए थे, जगत भलाई खातर फेर तुम, मेंहदीपुर में आए थे, तेरे द्वार प बजरंगी, सबते ज्यादा दम लागे, जितणी करूं बडाई तेरी, उतणी बाबा कम लागे।। लाखां करोड़ां की मेरे बाबा, … Read more