भजले नाम गुरू का रे मनवा बीत रही है स्वाँसा
भजले नाम गुरू का रे मनवा, बीत रही है स्वाँसा, रात गई सुबहा आएगी, आए न तेरी स्वाँसा।। तर्ज – रुक जा रात …
भजले नाम गुरू का रे मनवा, बीत रही है स्वाँसा, रात गई सुबहा आएगी, आए न तेरी स्वाँसा।। तर्ज – रुक जा रात …